डिवाइन फैथ फ़ेलोशिप सोसाइटी द्वारा प्रकाशित
Peer Reviewed & Refereed Journal
ISSN 2583-1992

हिन्दी साहित्य की सेवा में साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक ऑनलाइन त्रैमासिक पत्रिका
आगामी अंक

सुहृदय विद्वतजन,
"ई-प्रदीप" त्रैमासिक ऑनलाइन पत्रिका के आगामी अंक जनवरी-मार्च 2022 (संयुक्तांक) हेतु आपके शोध-आलेख, कहानियां, कविताएँ, पुस्तक समीक्षाएं एवं अन्य विधाओं की रचनाएँ आमंत्रित हैं। कृपा कर अपनी रचनाएँ हिन्दी यूनिकोड फॉण्ट में ही भेजें किसी अन्य फॉण्ट में रचनाएँ स्वीकार नही की जायेगी। अपनी रचना के साथ अपना एक नवीनतम फोटो एवं जीवन परिचय निम्नलिखित मेल आई डी पर अवश्य भेजें-
eppatrika@gmail.com
शोध-आलेख भेजने वाले लेखकों के लिए निर्देश :
शोध आलेख निम्न प्रारूप में ही भेजें।
शोध आलेख विषय
नाम, विभाग का नाम, संस्थान का नाम अथवा पता, ई-मेल एवं मोबाइल नंबर
शोध सारांश जो 200 शब्दों से अधिक न हो
बीज शब्द, भूमिका, निष्कर्ष
संदर्भ में लेखक का नाम, प्रकाशन वर्ष, पुस्तक का नाम, प्रकाशन का नाम, प्रकाशन का स्थान अवश्य लिखें। ध्यान रखें कि रचनाएँ पूर्णत: मौलिक हों। पूर्व प्रकाशित रचना यदि अज्ञानतावश प्रकाशित हो जाती है तो उसका पूर्ण उत्तरदायित्व साहित्यकार एवं रचनाकार का होगा।
शोध-पत्र 3000 - 3500 शब्दों से अधिक न हो तथा 200 शब्दों का सारांश भी प्रेषित करें। शोध आलेख ए-4 साइज़ के कागज पर कंप्यूटर से एक ओर यूनिकोड अथवा मंगल फॉण्ट साइज़ 14 में टंकण किया हुआ ही भेजें। भेजते समय शोध पत्र एम एस वर्ड फाइल में सीधे दी गयी ई-मेल आई डी पर डाउनलोड करें, मेल बॉक्स में कॉपी पेस्ट न करें। किसी अन्य फॉण्ट, स्केन, पीडीएफ अथवा मेल बॉक्स में कॉपी पेस्ट कर भेजी गयी रचना किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जायेगी। उसके लिए अलग से कोई प्रतिउत्तर भी नहीं दिया जायेगा।
यदि शोध-आलेख एवं भेजी गयी रचना कापीराईट का उल्लंघन करती है अथवा किसी अन्य रचना या पूर्व प्रकाशित रचना का कोई अंश बिना प्रकाशक एवं लेखक की पूर्वानुमति के प्रकाशित हो जाता है तो उसका पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक एवं रचनाकार का होगा। संपादक परोक्ष या अपरोक्ष रूप से इसके लियें उत्तरदायी नही होगा।
कृपया शोध-आलेख भेजने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि उसमे व्याकरण एवं मात्राओं की गलतियाँ किसी भी स्थिति न हों।
शोध पत्र के प्रकाशन हेतु ई-प्रदीप पत्रिका की वेबसाइ www.epraddep.com पर दिये गये “मौलिकता का प्रमाण-पत्र” (Certification of Originality) डाउनलोड करें एवं उसे पूर्ण भरकर अवश्य भेजें, इसमें शोध-आलेख अन्यत्र न भेजे जाने की पुष्टि की गयी हो। शोध-पत्र की सामग्री कहीं से चोरी की गयी (plagiarism) नहीं होनी चाहिए। शोध पत्र में सारणी एवं चित्रों का प्रयोग लेख के बीच में न करते हुए अंत में सन्दर्भ या संलग्नक के रूप में करें।
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